20 लाख करोड़ रूपए के दूसरे ब्रेकअप में वित्त मंत्रालय द्वार इन वर्गों का रखा गया है ध्यान
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रूपए के ब्रेकअप के दूसरे चरण की जानकारी साझा कर दी है।दूसरे चरण में देश के गरीब वर्ग के लोगों का ध्यान रखा गया है, इसमें छोटे किसानों, अप्रवासी मजदूरो, स्ट्रीट वेंडर्स, छोटे व्यापारियों को लेकर बहुत सी घोषणाए की गई है। कोरोना समय में देश के गरीब किसान एंव छोटे व्यापारी को बहुत सी मुसीबतो का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए इस आर्थिक बजट के बाद यह सारी समस्या खत्म हो जाएंगी। यही नही अप्रवासी मजदूरों को अब अपने राज्य में ही रोजगार मिल जाएगा, साथ ही अगले दो महीने के लिए सरकार की तरफ से इन्हे मुफ्त राशन दिया जाएगा। कुल मिला कर वित्त मंत्रालय ने दूसरे चरण में 9 अहम फैसलें किए हैं।
इन वर्गो के लोगों को होगा इतना लाभ
जिन भी छोटे किसानो के सिर पर कर्ज है उन्हे ब्याज में 31 मई तक रियायत दी गई है, वंही इससे पहले तीन महीनों कि किश्त टाले जाने का लाभ भी देश के करीब 3 करोड़ किसानों को हुआ है। इसके अलावा 30000 करोड़ रूपए अतिरिक्त फंड नाबार्ड बोर्ड को तुरंत ट्रांसफर कर दिए जाएंगे ताकि रबी की खेती जल्द से जल्द शुरू हो सके। साथ ही आर्थिक समस्या से निपटने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार किया जाएगा।
प्रवासी मजदूर जो भी अपने राज्य लौट रहे हैं उनके काम काज की व्यवस्था वंही की जाएगी, इसके लिए अब तक सरकार 10 हजार करोड़ खर्च कर चुकी है। मनरेगा दिहाड़ी को भी 200 रूपए प्रतिदिन कर दिया गया है। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों को 5-5 किलो गेंहू या चावल और एक किलो चना दिया जाएगा, इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की दी जाएगी, वंही अगस्त से देश में वन नेशन वन राशन कार्ड लागू कर दिया जाएगा
शहरी गरीब एंव प्रवासी मजदूरों को सस्ते घर किराए पर दिलाने के लिए योजना बनाई जाएगी, अगर कोई उद्योगपति ऐसे घर बनाते हैं तो उन्हे रियायत दी जाएगी।
स्ट्रीट वेंडर को लिए अलग से 5000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, इसके जरिए 50 लाख स्ट्रीट वेंडर को फायदा होगा,
छोटे कारोबारियों को 50 हजार रूपए का लोन मुद्रा शिशु योजना के तहत महज 2 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाएगा। इस स्कीम का लाभ 3 करोड़ लोगो को होगा
मध्यवर्गीय परिवारों जिनकी सालना आय 6 लाख से 18 लाख रूपए तक है उन्हे अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी दी जाएगी।
आदिवासी इलाकों में रोजगार के अवसर हेतु कैंप फंड के 6000 करोड़ रूपए का इस्तेमाल किया जाएगा